Tanhai Shayari in Hindi
हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर..!!
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है..!!
मैंने तन्हाई में हमेशा तुम्हे पुकारा है,
सुन लो गौर से ऐ सनम तेरे बिना,
ज़िंदगी अधूरी सी लगती है..!!
यादों में आपके तनहा बैठे हैं आपके,
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं..!!
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता..!!
अब तो हसरत ही नहीं रही,
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर,
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है..!!
मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए..!!
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ..!!
अब तो याद भी उसकी आती नहीं,
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ..!!
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ जहाँ से गुजरे..!!
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है,
दोस्तों जिसको कोई मिल गया, वो और तन्हा हो गया..!!
जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही..!!
तन्हाई में नींद नहीं आती हमे,
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद करते करते..!!
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता..!!
तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी,
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता..!!
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी,
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता,
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी..!!
तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें..!!
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में,
तेरी याद आँखें दुखाने लगी..!!
गलतियां की थी मेने पर,
इतनी भी बड़ी नहीं जितनी बड़ी सजा मिल रही है..!!
कितनी अजीब है मेरे अंदर की तन्हाई भी,
हज़ारों अपने है मगर याद तुम ही आते हो..!!
बता दो मुझे ज़रा की मेरा तुम्हे,
चाहना गलत है क्या,
क्यों नहीं बन रही बात अपनी,
किसी और से मोहब्बत है क्या..!!
इतने घने बादल के पीछे,
कितना तन्हा होगा चाँद..!!
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है..!!
यादों की महफ़िल में खो कर,
दिल अपना तन्हा तन्हा है..!!
यादों में आपके तनहा बैठे है आपके,
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं..!!
अब तो हसरत ही नहीं रही,
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर,
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है..!!
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है,
दोस्तों जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया..!!
छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी,
वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी..!!
तन्हाई में नींद नहीं आती हमे,
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद करते करते..!!
लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है की कहाँ है वो,
मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ..!!
वक़्त बहुत कुछ चीन लेता है,
खैर मेरी तोह सिर्फ मुस्कराहट,
खुशियां और रातों की नींद थी..!!
कुछ देर बैठी रही पास और फिर,
उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई,
का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई..!!