Maut Shayari in Hindi
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं,
क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही..!!
इश्क से बचिए जनाब,
सुना है धीमी मौत है ये..!!
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए,
सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए,
कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,
आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए..!!
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,
ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए..!!
एक आदमी जो पूरी तरह से रहता है
वह किसी भी समय मरने के लिए तैयार है..!!
क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा,
दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा,
आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ,
मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा..!!
छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर,
हो जाओ जब ज़िंदा, तो ख़बर कर देना..!!
चूम कर कफ़न में लपटे मेरे चेहरे को उसने तड़प के कहा,
नए कपड़े क्या पहन लिए हमें देखते भी नहीं..!!
माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज,
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले..!!
तुम दर्द भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो,
मेरी मौत का कारण भी हो तुम, जीने की वजह भी हो,
खुली नज़रो से तुम दूर हो बहुत मुझसे,
बंद आँखों में हर जगह मेरे पास भी हो तुम..!!
मेरी ज़िन्दगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए..!!
कहाँ ढूंढोगे मुझको मेरा पता लेते जाओ,
एक कब्र नई होगी उस पर जलता दिया होगा..!!
शिकायत मौत से नहीं अपनों से थी मुझे,
जरा सी आँख बंद क्या हुई वो कब्र खोदने लगे..!!
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी..!!
इक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं,
इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं,
ज़िन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं,
इक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं..!!
ऐ मौत ठहर जा तू जरा मुझे यार का इंतज़ार है,
आएगा वो जरूर अगर उसे मुझसे सच्चा प्यार है..!!
रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई,
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं..!!
जब जान प्यारी थी तब दुश्मन हजार थे,
अब मरने का शौक है तो कातिल नहीं मिलते..!!
ले रहा है तू खुदाया इम्तेहाँ दर इम्तेहाँ,
पर स्याही ज़िन्दगी की खत्म क्यूँ होती नहीं..!!
इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया,
उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया,
एक बार ही ठुकराया उन्होंने,
और हमने खुद को मौत की नींद सुला दिया..!!
ऐ अजल तुझसे यह कैसी नादानी हुई,
फूल वो तोड़ा चमन भर में वीरानी हुई..!!
तुम्हारा दबदबा खाली तुम्हारी ज़िन्दगी तक है,
किसी की क़ब्र के अन्दर जमींदारी नहीं चलती..!!
मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले,
कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों..!!
तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िंदगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे..!!
न मौत आती है न कोई दवा लगती है ऐ खुदा,
न जाने उसने इश्क में कौन सा जहर मिलाया था..!!
मुझे आज भी यकीन है कि तु एक दिन लौटकर आयेगा,
चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो..!!
हर एक साँस का तू एहतराम कर वरना,
वो जब भी चाहे, जहाँ चाहे आखिरी कर दे..!!
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में,
ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है..!!
न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम,
यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी..!!
हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से,
उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है..!!
जहर पीने से कहाँ मौत आती है,
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए..!!