Judai Shayari in Hindi
ना मेरी नीयत बुरी थी ना उसमे कोई बुराई थी,
सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी..!!
जिनसे खफा तक नहीं होते थे,
उनी से जुदा हो गये है आज हम..!!
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसी ने सदियों की जुदाई दी है..!!
आओ किसी रोज मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मागा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदो में सिसकता देखो..!!
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं..!!
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में,
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे..!!
जब कभी मेरे दिल को वो रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही यह एहसास हुआ था,
मुझको यही शख्स लम्बी जुदाई देगा..!!
याद में तेरी आहें भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई,
मौत सच्चाई है एक रोज आनी है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई..!!
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता है..!!
है चाँद का मुँह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया..!!
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है..!!
वो जिस्म और जान जुदा हो गए आज,
वो मेहेंदी के रंग में खो गए आज,
हमने चाहा जिन्हें सिद्दत से,
वो उम्र भर को किसी और के हो गए आज..!!
दिल को मेरे ये एहसास भी नहीं है,
कि अब मेरा मेरा यार मेरे पास नहीं है,
उसकी जुदाई ने वो ज़ख्म दिया हमें,
जिंदा भी न रहे और लाश भी नहीं है..!!
काश यह जालिम जुदाई न होती,
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती,
न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती..!!
आपकी याद दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है..!!
भले लाख कर लूँ कोशिश भी मगर,
दिल की बात कही न जाएगी मुझसे,
ऐ मेरे हमदम न होना जुदा कभी,
तेरी जुदाई न सही जाएगी मुझसे..!!
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ..!!
अकेला महसूस करो जब तन्हाई में,
याद मेरी आये जब जुदाई में,
मैं तुम्हारे पास हूँ हर पल,
जब चाहे देख लेना अपनी परछाई में..!!
तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई,
बेवफाई का इलज़ाम न दे ज़ालिम इस वक़्त,
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई..!!
हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है..!!
उसे हम छोड़ दे लेकिन बस एक छोटी सी उलझन है,
सुना है दिल से धड़कन की जुदाई सिर्फ मौत होती है..!!
जब कभी दिल को वो यादों से रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही ये एहसास हुआ था मुझको,
ये वही शख्स है जो लम्बी जुदाई देगा..!!
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने,
ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह..!!
जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी..!!
मुझे इस तन्हाई में जीना आ गया,
तेरी जुदाई ने मुझे अकेला रहना सिखा दिया..!!
तुमको पाने के लिए सब कुछ छोड़ दिया,
और तुम्हारी खुशी के लिए तुम्हे ही छोड़ दिया..!!
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फरिश्ते नहीं आते..!!
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है..!!
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है..!!
ज़माना बन जाए कागज़ का और समंदर हो जाए स्याही का,
फिर भी कलम लिख नही सकती दर्द तेरी जुदाई का..!!
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे गजलों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ..!!
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है..!!