Best Chand Shayari in Hindi (Moon Shayari)
चांद पर थोड़ा गुरूर हम भी कर लें,
पर मेरी नजरें पहले महबूब से तो हटें..!!
चांद से तो हर किसी को प्यार है,
मैं खुशनसीब हूं कि चांद को मुझसे प्यार है..!!
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चांद तेरा टुकड़ा लगेगा..!!
लोग पूछते हैं कि हम चांद को यूं बार बार देखते क्यों हैं,
अब उन्हें कौन समझाए की चांद में हमें महबूब नजर आता है..!!
रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते हैं,
आप तो चले जाते हो छोड़कर हमें,
हम रात भर आपसे मिलने को तरसते हैं..!!
न चांद की चाह न फलक का इंतजार हैं,
कैसे कहूं मुझे बस तुझसे ही प्यार है..!!
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की..!!
सारी रात गुजारी हमने इसी इंतजार में की,
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में..!!
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उस पर शबाब का रंग गहरा है,
खुदा को यकीन न था वफ़ा पर,
तभी चाँद पर तारों का पहरा है..!!
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती..!!
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया..!!
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए..!!
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है..!!
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं..!!
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की..!!
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा..!!
ईद का चाँद तुम ने देख लिया,
चाँद की ईद हो गई होगी..!!
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब सूरत शाम हो जाए..!!
आज फिर चाँद देर से निकला,
तुम ने फिर देर कर दी आने में..!!
चाँद अपने आप को कहते हो तुम,
आओ देखें हो गई है रात भी..!!
उसकी ज़िद थी कोई मुझसा दूसरा लाओ,
बड़ी मुश्किल से मै चाँद खींच के लाया हूँ..!!
चांद को देख कर पता चलता है,
खूबसूरत चीज़ को पाना कितना मुश्किल है..!!
साथ साथ घुमते है रात भर,
लोग मुझे तारा और उन्हे चाँद कहते है..!!
चाँद को तारो का सहारा मिला है,
इस जहा को क्या नज़ारा मिला है,
हम खुद को खुश किसमत समझते है,
हमें आपका साथ सारी ज़िन्दगी का मिला है..!!
चांद गवाह है मेरे प्यार का,
वो चांद के सामने प्यार की बाते करते थे..!!
वो आसमा ही है जो रह लेता होगा,
एक दिन चांद के बगैर,
हमें तो एक दिन भी कबूल नहीं,
तुझे याद किये बगैर..!!
इतना खूबसूरत इतफ़ाक़ है,
अमावस की रात है और चाँद मेरे पास है..!!
टूटे खुवाब की तस्वीर कब पूरी होती है,
चांद तारों के बीच भी दूरी होती है,
देना तो खुदा हमें सब कुछ चाहता है,
पर उसकी भी कुछ मजबूरी होती है..!!
किसी के इंतज़ार में रातो को बरबाद ना करना,
टूटते हुए सितारे ने ये बात हमको सिखाई है..!!
महफ़िल ना होती नज़ारे ना होते,
यु चांद के पहलू में सितारे ना होते,
हम इसलिए रहते है बेचैन आपके लिए,
क्योकि दिल के करीब सारे नहीं होते..!!
इश्क करना होतो रात की तरह करो,
जिसे चाँद भी पसंद हो और दाग भी कबूल ना हो..!!