Hurt Shayari in Hindi
ज़िन्दगी तो मज़बूरियो से चल रही है,
अपनी मर्ज़ी से जीना हम भूल चुके है..!!
जब ये दुनिया दरबदर हो जाएगी सारी दुआएँ बेअसर हो जाएगी,
मिटटी हो जायेंगे हम तब तेरे पास ये खबर आएगी..!!
एक ऑंखें जो रोती नहीं सोना चाहती है पर सोती नहीं,
दुआएं करते है मैं चैन से रहुं मगर कोई दुआ असर होती नहीं..!!
उससे इस तरह जुड़ चूका था मैं,
कि फिर उससे मेरी रूह भी जुदा न हो पायी..!!
मुझे अपना प्यार जताना नहीं आता,
करता हूँ पर बताना नहीं आता,
समझ लो न अब खुद से ही जान,
क्युकी अब हमे दर्द भी छुपाना नहीं आता..!!
तलब हमे तुम्हारी भी थी और चाय की भी मगर,
जब चाय को होंठो से लगाया तो हम सब कुछ भूल गए..!!
राख की कई परतों के नीचे तक देखा पर अफ़सोस,
वो गुरुर वो रुतबा वो पद,
जो सारी उम्र दिखाया आज नज़र नहीं आया..!!
उसके हिज़्र के दिन मेरा साया मुझसे ही दूर हो गया,
जो चाहे करना इश्क़ फिर से हमने तो उसको कुबूल न हुआ..!!
वो पल याद है मुझे जब तेरा हाथ मेरे हाथों में था,
कोई ख्वाइश न थी बस हम साथ हो ये ख्वाब मेरे आँखे में था,
न जाने कहाँ गए वे पल बीत जब मैं तेरी और तू मेरा था..!!
जो दिल कभी देखने को तरसता था,
आज तुम्हे न देखने की दुआ मांगता है,
क्यों इतनी बेदर्दी से तोड़ा था की अब मरने की मन्नत मांगता है..!!
नए ज़ख्म के लिए तैयार हो जा ऐ दिल,
कुछ लोग प्यार से पेश आ रहे हैं..!!
बड़ी अजीब बात है जो हमे रुलाये करता था,
आज उसकी आंख से आंसू छलके है,
टुकड़े टुकड़े कर दिए थे हमारे दिल के,
लगता है आज उसके भी हुए है..!!
हमने तो बस इतना ही सीखा है दोस्तों,
राह ए वफ़ा में कभी किनारा नहीं मिलता,
जो मिल जाये इस राह पर कभी यार से,
वो ज़ख्म कभी फिर दोबारा नहीं सिलता..!!
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर,
ऐ इश्क़ अब हम तेरे क़ाबिल नहीं रहे..!!
जो तुम्हारी क़दर नहीं करता,
तुम उसकी और भी जायदा क़दर करो,
क्यू के ज़िन्दगी के किसी भी मोड़ पर,
उसे तुम्हारी क़दर का एहसास ज़रूर होगा..!!
ये कहना बड़े कमाल की बात है,
कि मुझ में कोई कमाल की बात नहीं है..!!
मत पूछ सनम हम से प्यार में किस रह से गुजरे,
ये देख के तुझ पर कोई इलज़ाम भी न लगा पाया..!!
सितम सह कर भी कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छुपाये हमने..!!
आकर जरा देख तेरी खातिर हम किस तरह से जिए,
आँसू के धागे से सीते रहे हम जो जख्म तूने दिए..!!
नमक भर कर मेरे ज़ख्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो,
मेरे ज़ख्मों को देखो मुस्कुराना इस को कहते हैं..!!
उदास कर देती है हर रोज ये शाम,
ऐसा लगता है जैसे भूल रहा है कोई धीरे धीरे..!!
ज़िन्दगी कभी कभी ठोकरे मारती है,
कि इंसान सीधा सजदे में जा गिरता है..!!
ज़िन्दगी में दो लोगो से दूर रहना,
एक मसरूफ और दूसरा मगरूर,
क्यू के मसरूफ अपनी मर्ज़ी से बात करते है,
और मगरूर अपने मतलब के लिए याद करते हैं..!!
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पड़ेगी..!!
ज़िन्दगी में कुछ तकलीफो का हल नहीं,
तस्वीर में कोई और है तक़दीर में कोई और,
मोहब्बत मुकम्मल हुई नहीं,
और ज़िन्दगी युही गुज़र गयी..!!
जिन्होंने जानना उनसे कैसे दग़ा करे,
ता उम्र वफ़ा देखे अब कैसे बेवफाई करे,
मोहब्बत किसी और से है,
अब यह उनसे कैसे बयां करे..!!
आंख खुलते ही याद आ जाता हैं तेरा चेहरा,
दिन की ये पहली खुशी भी कमाल होती है..!!
प्यार तो सब करते है,
कोई दिल से करता है तो कोई दिमाग से..!!
बूंदों का सवाब समझ सकता है वही,
जो वाकिफ हो भीग जाने के हुनर से..!!
तमन्ना थी उसे मुकम्मल जहाँ की खुशियाँ देने की,
पर दे तो हम उसे प्यार भी नहीं पाए,
दगा करके वह गये और दगाबाज़ भी हम ही कहलाये..!!
ज़ख्म झेले दाग भी खाए बहुत,
दिल लगाकर हम तो पछताए बहुत..!!
इश्क और मोहब्बत की बातें कोई न करना,
एक शख्स ने जी भर के हमे रुलाया जो है..!!