Narazgi Shayari

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Narazgi Shayari in Hindi

क्यों नाराज़ होते हो मेरी इन नादान हरकतों से,
कुछ दिन की ज़िन्दगी है, फिर चले जाएंगे तुम्हारे इस जहाँ से..!!

जब नफरत करते थक जाओ,
एक मौका प्यार को भी दे देना..!!

जब तड़पेगी तू प्यास से,
तूझे वो बादल याद आएगा,
जब छोड़ जाएगा तूझे वो,
तब तूझे ये पागल याद आएगा..!!

तू एक नज़र हम को देख ले,
बस इस आस में कब से बेकरार बैठे है..!!

आज तो दिल भी धमकियाँ दे रहा है,
करो याद उसे वरना धड़कना छोड़ दूंगा..!!

नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै,
मुहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हु मै..!!

खता हो गयी तो फिर सजा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो,
देर हो गई याद करने में ज़रूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो..!!

नाराज़गी हो तो जता लेना,
लेकिन नफ़रत न करना,
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना,
बस बेवफाई न करना..!!

हम बेबस हैं बेपरवाह नहीं हम उदास हैं खफ़ा नहीं,
कदर करते हैं दोस्तों की दिल से,
हम जिंदगी में मजबूर तो हो सकते हैं लेकिन बेवफ़ा नहीं..!!

बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से..!!

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया,
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया..!!

तु हर साँस के साथ याद आती है,
अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को..!!

हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया,
आपने तो दुनिया के कहने पे हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनिया में,
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया..!!

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना,
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान..!!

किस बात पर खफा हो यह जरूर बता देना,
अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है..!!

जब तड़पेगी तू प्यास से तूझे वो बादल याद आएगा,
जब छोड़ जाएगा तूझे वो तब तूझे ये पागल याद आएगा..!!

तू एक नज़र हम को देख ले,
बस इस आस में कब से बेकरार बैठे है..!!

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है,
पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है..!!

मुझे खुद से दूर कर किसी ओर को दिल मै बसाया ही क्यो,
और अब ये तू ही सोच हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यो..!!

खामोशियां ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं..!!

कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं,
समझने समझाने से नहीं..!!

नाराज़गी हो तो जता लेना,
लेकिन नफ़रत न करना,
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना,
बस बेवफाई न करना।..!!

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया,
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया..!!

रिश्ते दूर तक चलते अगर,
नाराजगी की उम्र कम हो..!!

तेरी नाराज़गी मेरी दीवानगी,
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है..!!

तुम मेरी कल थी,
और मैं आज हो गया हूं,
अब मैं मनाने नहीं आऊंगा,
क्योंकि मैं नाराज हो गया हूं..!!

नखरे तेरे नाराजगी तेरी देख लेना,
एक दिन जान ले लेगी मेरी..!!

आज कुछ लिख नही पा रहा,
शायद कलम को मुझसे नाराजगी हैं कोई..!!

बस एक यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती है,
उदास कर के भी कहती है तुम नाराज़ तो नहीं हो ना..!!

कुछ दूर हमारे साथ चलो,
हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आखो से,
वो बात जुबानी कह देंगे..!!

अपने हाथों से यूँ चेहरे को छुपाते क्यूँ हो,
मुझसे शर्माते हो तो सामने आते क्यूँ हो,
तुम भी मेरी तरह कर लो इकरार ए वफ़ा अब,
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूँ हो..!!

हर पल हर लम्हा हम होते बेक़रार है,
तुझसे दूर होते है तो लगता है लाचार है,
बस एक बार देखो आँखों में मेरी,
मेरे इस दिल में तेरे लिए कितना प्यार है..!!

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