Akelapan Shayari

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Akelapan Shayari in Hindi

खुद को वक्त दे रहा हूं,
खुद से मिलने के लिए..!!

अकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है..!!

अकेलेपन से कोई बैर नही है मुझे,
डरता हूँ की कोई याद ना आ जाये मुझे..!!

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं..!!

हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,
बची हमारी ये हसीं तो उसे हमनें पहले ही भुला दिया..!!

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,
इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है..!!

यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा..!!

यह अकेलापन का सफर भी कट जाएगा,
जिस दिन गम का बादल हट जाएगा..!

महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया,
सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया..!!

ख्वाब बोया है मैंने और अकेला-पन काटा है,
इस प्यार – मोहब्बत में यारो घाटा ही घाटा है.. !!

ये इश्क जादू टोना है,
अगर दिल लगाया है तो तन्हा भी होना है.. !!

अकेले मर जाना ए-दोस्त,
पर किसी पे भरोसा मत करना..!!

किसी को अहसास दिलाने के लिए बिछड़ा न करो,
वरना वक़्त उसे आपके बगैर ही जिना सीखा देगा.. !!

मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी होते अच्छा होता.. !!

कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर,
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं ..!!

कभी सोचा नहीं था वो भी मुझे तनहा कर जाएगी,
जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी मैं हूँ ना.. !!

मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं,
की ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा हैं.. !!

अब मुझे रास आ गया है अकेलापन,
अब आप अपने वक्त का अचार डालिए.. !!

महफ़िल मुझे सिखाने वाला था खुस कैसे रहते हैं,
अकेलापन ने मुझे महफ़िल से बात करने नही दिया..!!

मरते कहाँ एक बार मे हैं मोहब्बत वाले दोस्तो,
अकेलेपन का जहर बार बार पीना पड़ता है..!!

वो हर बार मुझे छोड़ के
चले जाते है तन्हा,
में मजबूत बहुत हु लेकिन
कोई पथ्थर तो नहीं हूँ..!!

कुछ तन्हाई की रातो में सहारा होता,
तुम न होते सही,जिक्र तुम्हारा होता..!!

न साथ है किसी का न सहारा है ,
न हम है किसी के न कोई हमारा है..!!

बहुत सोचा बहुत समझा बहुत देर तक परखा,
की तन्हा हो के जी लेना मोहब्बत से तो बहेतर है..!!

अकेले रोना भी क्या कारीगरी है,
सवाल भी खुद के होते है
और जवाब भी खुद के..!!

सच्ची मोहब्बत करने वाले इंसान के,
नसीब में सिर्फ तन्हाई लिखी होती है..!!

रोते है तन्हा देखकर मुझको वो रास्ते, जिन
पर तेरे बगैर में कभी गुजरा न था..!!

एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है..!!

हम तो बस अकेले चुपचाप रहते हैं,
लेकिन लोगों को हम घमंडी लगते हैं..!!

अब इंतज़ार की आदत सी हो गई है,
खामोशी एक हालत सी हो गई है,
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से,
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है..!!

अकेलापन एक सज़ा सी है,
लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है..!!

वो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता है,
पर मेरे नज़रिए से देखो वो मेरा सुकून है..!!

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