Khamoshi Shayari

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Best Khamoshi Shayari in Hindi

खामोशी की भी अपनी एक अलग ही अहमियत होती है
तितलियाँ अपनी खूबसूरती का बखान नहीं किया करतीं..!!

खामोशियाँ वही रही ता उम्र दरमियाँ,
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए..!!

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह..!!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है..!!

कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है..!!

इश्क करने वालों को फुर्सत,
कहां जो गम लिखेंगे..!!

जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं..!!

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर कहने को है हजार बातें..!!

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया..!!

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे जितना तुम मुझे भुलाओगे..!!

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं..!!

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं..!!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं..!!

दिल की धड़कने हमेशा कुछ न कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं..!!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा इन आखों में कुछ और भी हैं..!!

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई..!!

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला मैं भी खामोश हो गया..!!

बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं..!!

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है..!!

बातों को कोई न समझे,
बेहतर है खामोश हो जाना..!!

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है..!!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है..!!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना..!!

अब अल्फ़ाज नहीं बचे कहने को,
एक वो है जो मेरी ख़ामोशी नहीं समझती..!!

लफ्ज़ो को तो दुनिया समझती है,
काश कोई ख़ामोशी भी समझता..!!

जान ले लेगी अब ये ख़ामोशी,
क्यूँ ना झगड़ा ही कर लिया जाये..!!

लफ़्ज़ों की कमी तो कभी भी नहीं थी जनाब,
हमें तलाश उनकी है जो हमारी ख़ामोशी पढ़ लें..!!

जवाब पलट कर देने में क्या ज़ोर जनाब,
असली ताकत तो खामोश रहने में लगती हैं ..!!

सुना है तुम ले लेते हो हर बात का बदला,
आजमाएंगे कभी तुम्हारे लबो को चूम कर..!!

बातें किया कीजिए गलतफहमी दूर करने के लिए,
क्योंकि ख़ामोशी से उलझे रिश्ते सुलझा नहीं करते..!!

जब से वो गया है मुझसे दूर,
अब कोई मेरी ख़ामोशी नहीं पढ़ता..!!

हमारे रोने को वजह वो ही क्यों बनता है,
जिसपे हम सबसे ज्यादा भरोषा करते है..!!

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