Ishq Shayari in Hindi
दूर रहकर भी हमसे वो गुनाह हो गया,
आपसे मिले बिना ही इश्क बेपनाह हो गया..!!
महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है,
क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है..!!
थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए ,
हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए..!!
आना तुम्हारा बहार ले आता है,
मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है..!!
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते,
फिर भी महसूस होते है..!!
बार बार वो हमपे इलज़ाम लगाते है,
कि वो कितना ही सम्भाले अपना दिल,
हम हर दफा चुरा ले जाते है..!!
हर उदास शख्स का मसला,
इश्क नहीं होता जनाब..!!
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो,
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं..!!
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की,
मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो..!!
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ ,
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा..!!
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है,
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है..!!
हर वक़्त फ़िराक में रहता है,
ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है..!!
जितना तुम्हारा दीदार होता है,
मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है..!!
इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा,
देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा..!!
जब होना होता है तब होके रहता है,
ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है..!!
हर दिन याद कर हाज़िरी लगा देते है,
तुम्हारे दिल में पल रहे हमारे इश्क़ की..!!
होशवालों को खबर क्या कि बेखुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजिये फिर समझिये कि ज़िंदगी क्या चीज़ है..!!
वो जितना मुझे पलके उठा देख लेते है ,
उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ..!!
तुम हकीकत ऐ इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का,
ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो..!!
वो कहते है कि भूल जाओ पुरानी बातो को,
कोई उसे समझाए कि इश्क़ पुराना नहीं होता..!!
इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर,
जो डूब गया वो इश्क़ और जो बच गया वो दीवाना..!!
इश्क़ का रोग कुछ ऐसा लगा है,
कि लोग क्या कहेंगे अब मतलब नहीं रहा है..!!
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए..!!
लबों को छूकर यूँ बहकाया ना करो,
यूँ सपनों में इश्क़ महकाया ना करो..!!
उसके इश्क में मुकाम की चाह कुछ इस कदर है,
कि उसकी बेवफाई में भी नादानी नज़र आती हैं..!!
तुम आए तो मेरे इश्क में अब बरकत होने लगी है,
चुपचाप रहता था दिल मेरा अब हरकत होने लगी है..!!
तुम आए तो मेरे इश्क में अब बरकत होने लगी है,
चुपचाप रहता था दिल मेरा अब हरकत होने लगी है..!!
तबाह करेगा मुझे एक दिन ये दिल मेरा,
कमबख्त इस दिल को इश्क बहुत है तुमसे..!!
जो भी समीकरण है तुम्हारे इश्क़ के दिल पर लागू करो,
मैं प्रूव कर दूंगा तुम्हे मुझ से और मुझे तुमसे इश्क़ है..!!
शिकायते ज्यादा और इश्क़ कम हो गया है,
लगता है किसी गैर का तुझ पे करम हो गया है..!!
बता रहा हूँ नुस्खा ए मुहब्बत जरा गौर से सुनो,
ना चाहत को हद से बढ़ाओ ना इश्क़ को सिर पर चढ़ाओ..!!
हमारी हजार शायरियों के बीच तुम्हारी,
एक छोटी सी तारीफ ही इश्क है..!!
ख़त्म हो जाता है जब इश्क़ जिस्मों का,
फ़िर लोग तोहफ़े सड़कों पर छोड़ जाते हैं..!!
माना कि ना देखा है ना छुआ है ना पाया है तुझको लेकिन,
तेरे इश्क़ में इबादत सा सुकूं आया है मुझको..!!
उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं..!!