Gussa Shayari in Hindi
हमारा रूठना मनाना तो लगा रहता है,
हमारी आंखों में प्यार, उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है..!!
आपके प्यार की कद्र कोई पराया भी करेगा ,
लेकिन आपके गुस्से की कद्र केवल अपने ही करेंगे..!!
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,
तकलीफ़ भले मुझको दे दर्द उसको होता है..!!
इतनी सारी शिकायतें थी उनके आने से पहले,
उन्होंने आकर हाल क्या पूछा,
अपनी शिकायतों पे गुस्सा आ गया..!!
दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है ,
होश जब आता है तो वक्त निकल जाता है..!!
उनका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्यूंकि ना ही उनका गुस्सा कम होता है ना ही मेरा प्यार..!!
गुस्सा क्यों करते हो बात बात पर तुम,
शक ज्यादा करते हो या प्यार..!!
बेवजह किसी पर गुस्सा ना करना ऐ दोस्त,
सुना है अक्सर रिश्ते बिखर जाया करते हैं..!!
मोहब्बत में गुस्सा वही करता है ,
जिसमें मोहब्बत कूट-कूट के भरी होती है..!!
थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो,
तुम मगर जैसे भी हो मेरी जान हो तुम..!!
कैसे कह दें कि उनके कुछ नहीं लगते हम,
उनके गुस्से पर आज भी हमारा ही हक है..!!
मोहब्बत में शक और गुस्सा वो ही करता है ,
जो कभी भी तुम्हे खोना नही चाहता..!!
ऐसा नही की मुझे गुस्सा नही आता,
बल्कि उस गुस्से से भी कही ज्यादा,
प्यार करते है तुमसे..!!
थोड़े गुस्से वाली थोड़ी नादान हो तुम,
पर जैसी भी हो मेरी जान हो तुम..!!
ये जो मेरे गुस्से को भी मुस्कुराहट में बदल देते हो,
बस यही वजह कि तुम दिल को इतना भाते हो..!!
तुम्हारा गुस्सा भी इतना प्यारा है कि,
दिल करता है तुम्हे दिन भर तंग करते रहे..!!
जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है,
मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है..!!
गुस्से से गया शख्स वापिस आ जायेगा,
खामोशी से गया शख्स वापिस नहीं आएगा..!!
नाराजगी उतनी ही जाहिर करो, जितना कसूर है मेरा,
ज्यादा प्यार और गुस्से से रिश्ते टुटते है..!!
जो हमेशा गुस्से में रहे उसे छोड़ना जरूरी है ,
ऐसे मूर्ख इंसान का घमंड तोड़ना जरूरी है..!!
लड़ते बहुत है, गुस्सा भी बहुत है,
मगर गुस्सा बाहर से है, मोहब्बत अंदर से है..!!
गुस्सा ज्यादा आता है, तो कोई बात नही,
बस उस गुस्से को सही दिशा दो..!!
ज़िन्दगी को कुछ ऐसे जीना है,
धोखा खाना और गुस्सा पीना है..!!
गुस्से में अक्सर लोग,
कड़वा सच बोल ही देते है..!!
तुम्हारे चेहरे पर गुस्सा देख कर ना जाने क्यूँ,
तुम पर और भी प्यार आता हैं..!!
वैसे तो बहुत अच्छा हूं मै ,
सिर्फ गुस्सा ना आने तक..!!
गुस्से में कभी इतना रायता ना फैलाओ,
की चाहकर भी उसे सिमेट ना पाओगे..!!
गुस्से और आंधी से होने का नुकसान,
इनके थम जाने के बाद नजर आता है..!!
कभी कभी खुद पर ही गुस्सा आ जाता है,
कि मुझे इतना गुस्सा क्यो आता है..!!
ये जो मासूम लोग होते है न,
वो गुस्से में भी रोने लगते है..!!
मुझे गुस्सा उन पर नहीं खुद पर आता है,
के मैंने इतनी ज्यादा उन्हें मोहब्बत क्यों दी थी..!!
गुस्सा आना सबके लिए जरुरी हैं पर उसे,
निकालना कहा हैं ये समझना ज्यादा जरुरी हैं..!!
छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने वाले,
लोग वही होते है जो दिल से प्यार और सोच में फिकर रखते है..!!