Tareef Shayari in Hindi
हुस्न वालो को संवरने की क्या जरूरत है,
वो तो सादगी मे भी क़यामत की अदा रखते है..!!
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे है,
लगता है दर्द अच्छा लिखने लगा हूं मैं..!!
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू,
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है..!!
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है..!!
लफ्ज़ो की लड़ाई हुई तेरी तारीफ के चक्कर में,
क्यों दूर चला गया तेरी तन्हाई से अक्सर में,
लड़खड़ाया कभी कभी उठा खुद से गिरके में,
क्यों ढूँढा तूने इश्क़ दूसरों क जिस्म में..!!
तारीफ अपने आप की करना फ़िज़ूल है,
खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है..!!
सब तारीफ कर रहे थे अपने प्यार की,
हम नींद का बहाना दे कर महफ़िल छोड़ आये..!!
ख्वाहिश ये नहीं की मेरी तारीफ हर कोई करे,
बस कोशिश ये है की मुझे कोई बुरा न कहे..!!
मेरी आँखों को जब उनका दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है..!!
हम आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,
उसकी सिर्फ एक नजर से ही घायल हो गए..!!
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो,
आज उन्हें एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूँ..!!
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं..!!
उसकी खूबसूरती की तारीफ करने से डरते हैं,
कहीं समझ न ले वो इसे हमारी खता,
इसलिए इजहार ए मोहब्बत करने से डरते हैं..!!
चांद को भी शर्म आ जाए सामने उसके इतनी वो खूबसूरत हैं,
दिल है उसका कोमल और शर्मो हया की वो मूरत हैं..!!
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो,
श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये..!!
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा,
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,
पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा..!!
मैंने चेहरे हजार देखें हैं अदाएं भी बेशुमार देखी हैं,
सादगी तेरी जैसी पर कहीं देखी नहीं,
मैंने घूमके हर बाजार देखे हैं..!!
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,
अब रातों को जागना अच्छा लगता है..!!
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं,
वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे..!!
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मे हो जाता हूँ,
तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पाता हूँ..!!
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई..!!
अपना इक इक वादा इस तरह निभाना है,
तुम को मेरे आँगन मे चाँद बन के आना है..!!
मुझे दुनिया की ईदो से भला क्या वास्ता यारो,
हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये..!!
काटे नही कटते लम्हे इन्तजार के,
नजरे बिछाएं बैठे है रास्ते पे यार के..!!
कैसे बयान करे सादगी अपने महबूब की,
पर्दा हमी से था मगर नजर भी हमी पे थी..!!
उनकी एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दिए,
हम होश मे आ ही रहे थे की वो फिर मुस्कुरा दिए..!!
तेरे हुस्न को परदे कि जरुरत क्या है,
कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद..!!
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मे हो जाता हूँ,
तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पाता हूँ..!!
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है और,
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नही..!!
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई..!!
आसमा मे खलबली है सब यही पूछ रहे हैं,
कौन फिरता है ज़मी पे चाँद सा चेहरा लिए..!!
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम,
अलफ़ाज़ कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर..!!
तुम्हें अपनी पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,
अब तो तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की जीती जगती मिसाल हो तुम,
तुम्हें अपनी ज़िन्दगी बनाने को जी चाहता है..!!
हम आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,
उसकी सिर्फ एक नजर से ही घायल हो गए..!!
वो अपने चहरे में सौ आफताब रखते हैं,
इसलियें तो वो रूह पर भी नकाब रखते हैं,
वो पास बैठे हो तो आती हैं प्यार की खुशबू,
वो तो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं..!!