Barish Shayari

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Barish Shayari in Hindi

बादलों से कह दो जरा सोच समझ कर बरसे,
अगर मुझे उनकी याद आ गयी तो मुकाबला बराबरी का होगा..!!

कही फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना,
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी है..!!

तमाम रात नहाया था शहर बारिश से,
वो रंग उतर ही गये जो उतरने वाले थे..!!

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे ,
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है..!!

रहने दो अब तुम भी मुझे पढ़ ना सकोगे,
बरसात में भीगे कागज़ की तरह भीग गया हूँ मैं..!!

बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था..!!

पता था मुझे बारिश होंगी,
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने..!!

सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है..!!

बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,
जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है,
और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है..!!

आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे,
बरसात में सब एक जैसी हो गयी..!!

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब जब याद आते हो बारिश होती है..!!

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,
जब भी मिलती है नई सी लगती है..!!

कुछ नशा तेरी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो,
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है..!!

बारिश और किसी की याद ज्यादा आ जाए तो सैलाब आता है,
एक में बूंदों का दूसरों में आसुंओं का..!!

बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है..!!

तकलीफ तो होती होगी उन बादलों को,
जिनसे बून्द बिछड़ कर ज़मीन पर आ गिरती है..!!

लोग करते होंगे Romance की बातें,
इन बारिश में हम तो बस चाय कि चुस्की लेते हैं..!!

इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो
याद करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..!!

किसको सुनाता फिरूं मैं काबिलियत अपनी,
मैं बरसने वाला बादल हूँ गरजने वाला नहीं..!!

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं,
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई..!!

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में,
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे..!!

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो,
हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी..!!

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है,
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ..!!

अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है..!!

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे..!!

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
और तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम..!!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का..!!

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही..!!

रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,
बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है,
क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारो,
अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है..!!

पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे,
लो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें..!!

ज़रा ठहरो बारिश थम जायतो फिर चले जाना,
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता..!!

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