Bhagavad Gita Quotes in Hindi

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Bhagavad Gita Quotes in Hindi

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है,
उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है..!!

जो हुआ वह अच्छा हुआ,
जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है,
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा..!!

जीवन न तो भविष्य में है, न अतीत में है,
जीवन तो बस इस पल में है..!!

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना,
व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है..!!

परिवर्तन प्रकर्ति का नियम है,
आप एक पल में करोड़पति या कंगाल हो सकते हैं..!!

यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है,
बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता..!!

जो मन को नियंत्रित नहीं करते,
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है..!!

हे अर्जुन! व्यक्ति जो चाहे बन सकता है,
यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे..!!

हमेशा दूसरों के कल्याण को ध्यान में रखकर अपना काम करें..!!

जब इंसान अपने काम में आनंद खोज लेते हैं,
तब वे पूर्णता प्राप्त करते है..!!

जो दान बिना सत्कार के कुपात्र को दिया जाता है,
वह तमस दान कहलाता है..!!

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वह विश्वास करता है वैसा वह बन जाता है..!!

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए,
प्रसन्नता न इस लोक में है और न ही परलोक में..!!

जो लोग मन को नियंत्रित नही करते है,
उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है..!!

सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है,
एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प..!!

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है..!!

जो दान कर्तव्य समझकर बिना किसी संकोच के,
किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए,
वह सात्विक माना जाता है..!!

सच्चा धर्म यह है कि जिन बातों को इंसान अपने लिए अच्छा नहीं समझता,
उन्हें दूसरों के लिए भी प्रयोग ना करें..!!

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है..!!

मन की शांति से बढ़कर इस,
संसार में कोई भी संपत्ति नहीं है..!!

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि,
अपने कर्मो से महान बनता है..!!

हे अर्जुन! जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो..!!

बिना फल की कामनाएं ही सच्चा कर्म है,
ईश्वर चरण में हो समर्पण वही केवल धर्म है..!!

जो पुरुष सुख तथा दुख में विचलित नहीं होता और,
इन दोनों में समभाव रहता है, वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य है..!!

बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोशों हर हाल में चलना सीखो..!!

किसी काम की चिंता करना ठीक है,
पर चिंता इतनी भी नहीं होनी चाहिए,
कि वह काम ही बिगड़ जाए..!!

अच्छी नीयत से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता,
और उसका फल आपको ज़रूर मिलता है..!!

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है,
इसलिए हमेशा अच्छे बीज बोए ताकि फसल अच्छी हो..!!

नरक के तीन द्वार होते है,
वासना, क्रोध और लालच..!!

इस जीवन में कुछ भी खोया या व्यर्थ नहीं है..!!

जो व्यवहार आपको दूसरो से पसन्द ना हो,
ऐसा व्यवहार आप दूसरो के साथ भी ना करे..!!

हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए है,
मुझे याद है लेकिन तुम्हें नही..!!

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