Shri Krishna Quotes & Status in Hindi
समय आने पर सबको मिलता है,
समय से पहले की चाह ही दुख का कारण बनती है..!!
कल तक जो हमारा था वह आज सिर्फ मेरा है,
मेरे जीवन में तेरा नाम बस एक अंधेरा है..!!
ईश्वर किसी का नहीं,
अपितु सर्वत्र ईश्वर का है..!!
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए,
प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और..!!
क्रोध से भ्रम पैदा होता है भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है जब तर्क नष्ट हो जाता है..!!
सत्य हमेशा पानी में तेल की एक बूंद के समान होता है,
कितना भी असत्य का पानी डाले वह हमेशा ऊपर ही तैरता है..!!
जैसा दर्पण धूल से अस्पष्ट होता है,
वैसे ही क्रोध से बुद्धि अस्पष्ट होती है..!!
अपने जीवन में कभी भी ना किसी को आनंद में वचन दे,
ना क्रोध में उत्तर दे और ना ही दुख में कभी निर्णय ले..!!
जो हैं माखन चोर जो हैं मुरली वाला,
वही हैं हम सबके दुःख हरने वाला..!!
जान से ज्यादा अनुभव बड़ा है,
अनुभव से ज्यादा जिंदगी बड़ी है,
जिंदगी में रिश्तो की कमी है,
और रिश्तो में प्रेम ही नहीं है..!!
रिश्ते बड़ी शिद्दत से बुनने पड़ते हैं,
बारीक रेशमी धागों की कारीगरी सबके बस की थोड़ी है..!!
प्रेम के रंग में रंग लो जीवन सारा,
यह प्रेम ही है लोक और परलोक का सहारा..!!
सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बनो,
मैं आपको बाहर से नहीं बल्कि भीतर से जानता हूं..!!
ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है,
वही सही मायने में देखता है..!!
जो मन को नियंत्रित नहीं करते,
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है..!!
गति के लिए चरणों पर ध्यान देना आवश्यक है,
किंतु प्रगति के लिए सदैव आचरण पर ही ध्यान देना चाहिए..!!
मित्र शब्द को प्रथम उच्चारण करने वाला व्यक्ति,
मित्रता के लिए सबसे ज्यादा प्रतिबंध और समर्पित होना चाहिए..!!
अगर ईश्वर तुम्हें ज्यादा प्रतिक्षा करवा रहे हैं,
हो सकता है जितना तुमने मांगा उससे ज्यादा देने वाला हो..!!
जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतीत में,
जीवन तो बस इस पल में है केवल इस पल में..!!
मैं विधाता होकर भी विधि के विधान को नहीं टाल सका,
मेरी चाह राधा थी और चाहती मुझको मीरा थी पर मैं हो रुक्मणी का गया..!!
वे मूर्ख हैं जो प्रेम को बकवास कहते हैं
प्रेम इस संसार की मूल है इसी से संसार बना है..!!
दगा किसी का सगा नहीं होता जहां मतलब खत्म होता है,
वहां दगा की शुरुआत होती है..!!
इंसान को उसके कर्म नहीं कर्म के पीछे की इच्छाएं बांधे रखती हैं,
क्योंकि इच्छाओं के कारण ही कर्म निर्मित होते हैं..!!
किसी जीव को कष्ट देकर,
तुम मुझे खुश कैसे देख सकते हो..!!
रिश्तो में नियमित दूरियां रिश्तो को जोड़ती है,
और अनियमित दूरियां रिश्तो को तोड़ती है..!!
भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी..!!
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है..!!
अपने अनिवार्य कार्य करो क्योंकि,
वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है..!!
प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के,
किसी और पर निर्भर नहीं करता..!!
मेरी कृपा से कोई सभी कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी,
बस मेरी शरण में आकर अनंत अविनाशी निवास को प्राप्त करता है..!!
हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही,
ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं,
जो स्वर्ग के द्वार के सामान है..!!
बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में आनंद नहीं लेता..!!
आपके सार्वलौकिक रूप का मुझे,
न प्रारंभ न मध्य न अंत दिखाई दे रहा है..!!